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दोस्तों आपको बताना चाहता हूं जब किसी बाइक की दुर्घटना हो जाती है और आप अपनी बीमा कंपनी से जिसे आपने बाइक का इंश्योरेंस करवा रखा है तो दुर्घटना के पीड़ितों को बीमा कंपनी 90 दिन में क्लेम दे देती है और यह क्लेम दो प्रकार का होता है जैसे कि आपकी बाइक में कितना खर्चा हुआ है बाइक में जितनी भी टूट हुई है उसको ठीक करने में जितना खर्चा आता है उसका 90% तक बीमा कंपनी क्लेम करती है बहुत सी कंपनी 80 परसेंट से लेकर 90% के बीच में क्लेम देती है वह जिस समय आपने जिस कंप्रेसर इंश्योरेंस कराया है उसे समय पता चल जाता है कि वह बीमा कंपनी कितना क्लेम करती है लगभग सभी कंपनियां 80 से लेकर 90% के बीच में क्लेम देती है
आपको पता होना चाहिए आपका जब बाइक का एक्सीडेंट हुआ है उसके 30 दिन के अंदर पुलिस फिर दाखिल होनी चाहिए अगर आप 30 दिन के अंदर पुलिस फिर नहीं करते हैं तो बीमा कंपनी आपको क्लेम नहीं देगी उसके बाद जब आप क्लेम लेते हैं तो आपको कंपनी को सारे डाक्यूमेंट्स देने पड़ते हैं तब जाकर बीमा कंपनी आपकी गाड़ी का जायजा लेती है कि आपकी कंपनी गाड़ी में कितना खर्चा हुआ है और सभी डाक्यूमेंट्स लेकर उसके बाद पूरा सर्वे कर कर कंपनी आपको क्लेम देती है
इंश्योरेंस दो प्रकार का होता है फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है जानिए
दोस्तों फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस का मतलब होता है जिसमें आपको अपनी बाइक का दुर्घटना कर या चोरी होने पर या दुर्घटना के समय गाड़ी में आग लगने पर या भूकंप या किसी अन्य घटना से आपकी गाड़ी क्षतिग्रस्त होने पर आपको क्लेम दिया जाता है यह फर्स्ट पार्टी क्लेम होता है जिसमें कंपनी गाड़ी में जितना भी खर्चा हुआ है उसका 80 से 90 परसेंट खर्चा कंपनी देती है बाकी का 10 से 20% का खर्चा आपको देना होता है इस प्रकार से आपको क्लेम मिलता है फर्स्ट पार्टी क्लेम और दोस्तों भारत में फर्स्ट पार्टी क्लेम गाड़ी लेते वक्त 1 साल का ही होता है इंश्योरेंस यह आपको ध्यान रखना होता है हर साल फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस आपको करना पड़ता है चाहे आपकी बाइक हो चाहे कर हो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपनी गाड़ी लेते वक्त 5 साल का करके देता है यह भारत में नियम आ चुका है जब आप कोई भी गाड़ी खरीदने हो तो इस समय 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपका कंपनी करके ही देती है
तो अब आपको पता चल चुका होगा फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस में आपको आपकी गाड़ी का चोरी होने पर या दुर्घटना होने पर क्लेम मिलता है और कितना गाड़ी की कीमत लगाई जाती है जब इंश्योरेंस होता है इस समय अगर आप फोन पर से इंश्योरेंस करवाते हो या किसी कंपनी से इंश्योरेंस करवाते हो तो इस समय आपकी गाड़ी का मॉडल के अनुसार कि आपकी गाड़ी कितनी पुरानी है उसकी प्राइस इंश्योरेंस में आ जाती है
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है जानिए
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मतलब होता है अगर आपकी गाड़ी से सामने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है या वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया है तो उसके इलाज के लिए जितने भी खर्च आता है वह आपका बीमा कंपनी सामने वाले पार्टी को दे देती है उसमें आपका कुछ बिगड़ता नहीं है यानी कि अगर आप की गाड़ी से किसी की मृत्यु हो गई है तो आपको उसकी रुपए देने की जरूरत नहीं है जिस कंपनी जी आपने इंश्योरेंस ले रखा है वह कंपनी सामने वाले व्यक्ति को क्लेम दे देगी यह क्लेम अधिकतम 15 लख रुपए तक का होता है यानी कि सामने वाले व्यक्ति को दुर्घटना में मृत्यु होने पर 15 लख रुपए का क्लेम बीमा कंपनी जिस कंपनई से अपने इंश्योरेंस ले रखा है वह बीमा कंपनी देती है
दोस्तों भारत के अंदर नियम है अगर आपकी बाइक या कर का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं है तो आपका चालान भी हो सकता है क्योंकि यह सरकार का नियम है की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है अगर आपका फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस नहीं है तो उससे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि वह आपके लिए है लेकिन थर्ड पार्टी इंश्योरेंस सामने वाले व्यक्ति के लिए होता है इसलिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपकी बाइक या कर का होना जरूरी है
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